Mgnrega Pashu Shed Yojana 2025: मनरेगा पशु शेड योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के अंतर्गत शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण किसानों और पशुपालकों को उनके पशुओं के लिए सुरक्षित आश्रय उपलब्ध कराना और पशुपालन को आय का मजबूत साधन बनाना है। योजना के माध्यम से केंद्र सरकार पशु शेड निर्माण लागत में सहायता देते हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करती है। इससे दुग्ध उत्पादन, पोषण सुरक्षा और ग्रामीण रोज़गार—तीनों मोर्चों पर सकारात्मक असर पड़ता है।
प्रमुख विशेषताएँ
- प्रत्यक्ष नकद सहायता—पात्र लाभार्थियों के बैंक खाते में अनुदान राशि ट्रांसफर की जाती है।
- रोज़गार सृजन—शेड निर्माण में स्थानीय मज़दूरों को काम मिलता है, जिससे मनरेगा के रोज़गार दिवस बढ़ते हैं।
- पशुधन संरक्षण—पशुओं को धूप, बारिश और सर्दी से बचाव मिलता है, जिससे उत्पादकता बढ़ती है।
- पारदर्शी प्रक्रिया—आवेदन से भुगतान तक हर चरण पंचायत और जिला स्तर पर मॉनिटर होता है।
मनरेगा पशु शेड योजना के प्रमुख लाभ
अनुदान किसे मिलता है?
- ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे किसान जो गाय, भैंस, बकरी या भेड़ जैसे कम से कम तीन पशु पालते हों।
- जिनके पास सक्रिय मनरेगा जॉब कार्ड और खेती या आवासीय भूमि का वैध दस्तावेज़ हो।
सहायता राशि कितनी है?
पशुओं की संख्या | अनुमन्य अनुदान (रुपये) |
---|---|
3 पशु | 75,000 – 80,000 |
4 पशु | 1,00,000 – 1,16,000 |
6 पशु | अधिकतम 1,60,000 |
यह राशि निर्माण सामग्री, शेड की छत, फर्श और आवश्यक जल निकासी प्रबंधन पर ख़र्च की जा सकती है।
पात्रता मानदंड
मूल शर्तें
- आवेदक ग्राम पंचायत क्षेत्र का स्थायी निवासी हो।
- परिवार के पास कम से कम तीन दुधारू अथवा छोटे पशु हों।
- आवेदक के नाम सक्रिय मनरेगा जॉब कार्ड दर्ज हो।
- भूमि का स्वामित्व दस्तावेज़ या पट्टा उपलब्ध हो, जहाँ शेड बनेगा।
विशेष परिस्थितियाँ
- भूमिहीन पशुपालक पंचायत भूमि पर शेड बनाने हेतु ग्राम सभा की स्वीकृति से पात्र हो सकते हैं।
- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला मुखिया परिवारों को प्राथमिकता रैंक मिलता है।
जरूरी दस्तावेज़
क्रम | दस्तावेज़ का नाम | उद्देश्य |
---|---|---|
1 | आधार कार्ड / वोटर आईडी | पहचान प्रमाण |
2 | मनरेगा जॉब कार्ड | पात्रता पुष्टि |
3 | बैंक पासबुक की प्रति | अनुदान राशि हस्तांतरण |
4 | भूमि स्वामित्व प्रमाण / जमाबंदी | निर्माण स्थल सत्यापन |
5 | पशुधन स्वामित्व प्रमाण (पशु टीकाकरण रसीद आदि) | पशुओं की संख्या का सत्यापन |
आवेदन प्रक्रिया चरण दर चरण
स्थानीय कार्यालय से संपर्क
सबसे पहले अपने ग्राम पंचायत सचिव, बीडीओ या जिला मनरेगा कार्यालय में जाकर योजना विवरण, प्रपत्र और समयसीमा की जानकारी लें।
फॉर्म भरना और जमा करना
निर्धारित आवेदन फॉर्म में व्यक्तिगत विवरण, जॉब कार्ड संख्या, पशुओं की संख्या तथा प्रस्तावित शेड का प्लान भरें। सभी दस्तावेज़ स्वप्रमाणित कॉपी के साथ संलग्न करके फॉर्म पंचायत सचिव को सौंपें।
सत्यापन, निरीक्षण और स्वीकृति
पंचायत स्तर की तकनीकी टीम स्थल निरीक्षण करती है, पशुओं की संख्या गिनती है और लागत अनुमान तैयार करती है। रिपोर्ट अनुमोदित होते ही जिला कार्यक्रम अधिकारी डिजिटल आदेश जारी करता है।
भुगतान प्रक्रिया
अनुदान दो या तीन किस्तों में आवेदक के बैंक खाते में जमा होता है:
- पहली किस्त—संरचना की नींव और खंभों के लिए।
- दूसरी किस्त—छत ढलाई और फर्श कंक्रीट के बाद।
- तीसरी किस्त (यदि हो)—पशु खलिहान, नाद, जल निकासी पूर्ण होने पर।
लाभ वितरण और भुगतान शर्तें
शेड निर्माण भौतिक सत्यापन के बाद ही अगली किस्त जारी की जाती है। निर्माण में स्थानीय शिल्पकारों व मज़दूरों को लगाना अनिवार्य है ताकि मनरेगा के रोज़गार दिवस सृजित हों। कार्य अपूर्ण रहने पर अतिरिक्त समय अनुसार मानिटरिंग होती है।
पशुओं की संख्या के अनुसार किस्त विभाजन
किस्त | निर्माण चरण | राशि का लगभग प्रतिशत |
---|---|---|
1 | नींव, खंभे | 40 % |
2 | छत, फर्श | 40 % |
3 | फिनिशिंग, जल निकासी | 20 % |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
क्या किराये की ज़मीन पर शेड बना सकते हैं?
हाँ, यदि जमीन मालिक की लिखित सहमति और ग्राम सभा की मंज़ूरी हो।
भुगतान में देरी होने पर क्या करें?
सबसे पहले पंचायत सचिव से स्थिति पूछें। फिर जिला मनरेगा सेल में शिकायत दर्ज कराएँ; पोर्टल पर ट्रांज़ैक्शन स्टेटस भी देखें।
पशु संख्या के बाद भी राशि कम क्यों मिली?
तकनीकी टीम द्वारा स्वीकृत लागत और उपलब्ध बजट के आधार पर राशि भिन्न हो सकती है। पशुओं की श्रेणी (बकरी शेड बनाम गाय शेड) भी लागत को प्रभावित करती है।
महत्वपूर्ण लिंक
विषय | लिंक / स्रोत |
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आधिकारिक पोर्टल | nrega.nic.in |
योजना संबंधी अपडेट | join group |
टेलीग्राम चैनल | join group |
निष्कर्ष
मनरेगा पशु शेड योजना 2025 ग्रामीण पशुपालकों के लिए आय संरक्षण, पशुधन स्वास्थ्य और रोज़गार सृजन—तीनों को एक साथ आगे बढ़ाती है। पात्र किसान सरल ऑफलाइन प्रक्रिया से आवेदन कर 75 हज़ार से 1.60 लाख रुपये तक की प्रत्यक्ष नकद सहायता प्राप्त कर सकते हैं। योजना पारदर्शी है; दस्तावेज़ सही, निर्माण समयबद्ध और स्थल निरीक्षण सुचारु हों तो भुगतान डिजिटल माध्यम से तुरंत जारी होता है। यदि आपके पास न्यूनतम तीन पशु और सक्रिय मनरेगा जॉब कार्ड है, तो आवेदन में देर न करें—सुरक्षित शेड से पशुओं का स्वास्थ्य बेहतर होगा, दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा और आपकी ग्रामीण आमदनी को स्थायी मज़बूती मिलेगी।
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