Bihar Jamin Survey New Guidelines: बिहार सरकार ने राज्य में भूमि विवादों को कम करने और भूमि रिकॉर्ड को अद्यतन करने के उद्देश्य से 2024 के लिए नई जमीन सर्वेक्षण गाइडलाइंस जारी की हैं। इन गाइडलाइंस के तहत सर्वेक्षण प्रक्रिया को डिजिटल बनाया गया है, जिससे पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित की जा सके। भूमि मालिकों को अपनी जमीन से संबंधित सभी दस्तावेज़, जैसे खतियान, नक्शा और दाखिल-खारिज प्रमाण पत्र तैयार रखना होगा।
सर्वेक्षण टीम डिजिटल उपकरणों का उपयोग करके भूमि की माप करेगी और संबंधित जानकारी को ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करेगी। इसके अलावा, जमीन मालिकों को उनकी जमीन की सही स्थिति की पुष्टि करने के लिए सर्वेक्षण टीम के साथ सहयोग करना होगा। यदि कोई विवाद होता है, तो इसे लोकल अधिकारियों के माध्यम से जल्द से जल्द निपटाने की प्रक्रिया सुनिश्चित की गई है।
इस नई गाइडलाइंस का उद्देश्य राज्य में भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन को बेहतर बनाना और लोगों को उनकी भूमि का अधिकार दिलाना है। सभी जमीन मालिकों को समय पर सूचना देने और प्रक्रिया में शामिल होने की अपील की गई है।
Bihar Jamin Survey New Guidelines : Overviews
Post Name | Bihar Jamin Survey New Guidelines |
Post Date | 03/12/2024 |
POst Type | Jamin Survey New Update |
Update Name | सर्वे नियमावली में बदलाव |
Survey Mode | Offline |
Department | राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग |
Official Website | dlrs.bihar.gov.in |
Bihar Jamin Survey New Guidelines: New Update
बिहार जमीन सर्वे को लेकर संचार माध्यमो से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में सरकार के तरफ से सर्वे के पुरानी नियमावली में बदलाव किये गए है | इसके तहत पुरानी नियमावली में कुछ जरुरी बदलाव किये गए है जिसमे सर्वे को लेकर कागजात जमा करने के समय को बढ़ा दिय गया है |इसके तहत नियमावली में क्या-क्या बदलाव किये गए है इसके बारे में पूरी जानकारी निचे विस्तार में दी गयी है | तो सभी जानकारी को ध्यान पूर्वक अवश्य पढ़े
Bihar Jamin Survey New Guidelines: नई संशोधित नियमावली
बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण से संबंधित पुरानी नियमावली में संशोधन करते हुए रैयतों (जमीन मालिकों) के लिए कई राहत भरे प्रावधान किए हैं। इन संशोधनों का उद्देश्य भूमि सर्वेक्षण प्रक्रिया को सरल और अधिक समयबद्ध बनाना है।
- घोषणा समर्पण की अवधि में वृद्धि: पहले रैयतों द्वारा अपनी जमीन से संबंधित घोषणा समर्पित करने के लिए कम समय मिलता था। अब इस अवधि को बढ़ाकर 180 कार्य दिवस (6 महीने) कर दिया गया है, जिससे रैयतों को पर्याप्त समय मिल सके।
- मानचित्र सत्यापन की अवधि में बदलाव: राजस्व ग्राम के मानचित्र सत्यापन के लिए अब 90 कार्य दिवस (3 महीने) का समय निर्धारित किया गया है। यह बदलाव प्रक्रिया को व्यवस्थित और त्रुटि-मुक्त बनाने में मदद करेगा।
- दावा प्रस्तुत करने की अवधि में वृद्धि: रैयतों को अपनी जमीन से जुड़े दावे प्रस्तुत करने के लिए अब 60 कार्य दिवस (2 महीने) का समय दिया जाएगा। पहले यह अवधि कम थी, जिससे जमीन मालिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
Bihar Jamin Survey New Guidelines: वंशावली में बहन, बेटी और बुआ का नाम शामिल करना क्यों है जरूरी?
Bihar Jamin Survey New Guidelines: भूमि से जुड़े मामलों में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए वंशावली में परिवार के हर सदस्य का नाम दर्ज करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह न केवल परिवार की पहचान को संरक्षित करता है, बल्कि भविष्य में संपत्ति से जुड़े विवादों को भी रोकने में सहायक होता है।
- संपत्ति पर अधिकार की पुष्टि: आपके दादा की संपत्ति में आपकी बुआ और पिता, चाचा सभी का समान अधिकार होता है। इसी तरह, आपके पिता की संपत्ति में आप, आपके भाई और बहन का भी समान अधिकार होता है। वंशावली में बहन, बेटी और बुआ का नाम शामिल करने से यह पुष्टि होती है कि वे परिवार की सदस्य हैं और उनका संपत्ति पर कानूनी अधिकार है।
- न्याय और समानता: बहन, बेटी और बुआ अक्सर संपत्ति में हिस्सा नहीं मांगती हैं, लेकिन उनका नाम वंशावली में होना अनिवार्य है। यह परिवार में समानता और अधिकारों की रक्षा के लिए जरूरी है।
- भविष्य की समस्या से बचाव: अगर भविष्य में परिवार की कोई सदस्य जैसे बहन, बेटी या बुआ संपत्ति पर अपना अधिकार जताना चाहें, तो वंशावली में उनके नाम का होना यह सुनिश्चित करता है कि वे परिवार का हिस्सा हैं और उनका अधिकार वैध है।
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